Big Challenges Before JP Nadda: भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष (BJP President) के रूप में जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल एक साल और बढ़ने के साथ ही अगले साल होने जा रहे लोकसभा आम चुनाव (General Elections) और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) की चुनौती का उनको सामना भी करना है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जेपी नड्डा भाजपा की नैया पार लगा पाएंगे?
कर्नाटक और तेलंगाना में है कड़ी परीक्षा
लोकसभा चुनाव होने में अब एक साल का ही समय रह गया है। ऐसे में उनके सामने जो सबसे बड़े चैलेंज हैं उनमें प्रमुख है पूरी पार्टी की एकजुटता बनाए रखना। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के बीच मतभेद पार्टी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। कर्नाटक के बाद, भाजपा को तेलंगाना में एक और कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा, जहां वह एक वैकल्पिक ताकत के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है।
मोदी को लगातार तीसरा कार्यकाल दिलाने में लगाना होगा जोर
मई 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। इस दौरान भाजपा को लगातार तीसरी बार जीत दिलाना और मोदी को पीएम बनाना एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे नड्डा को पूरा करना है। इसके पहले नौ राज्यों की विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। अध्यक्ष के रूप में कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे एक भी राज्य को हाथ से निकलने न दें।
नौ राज्यों का चुनावों में जीत बनेगी लोकसभा के लिए टॉनिक
जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने की संभावना है। नड्डा के सामने यह एक बड़ी चुनौती होगी। इन राज्यों में सफलता लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने में टॉनिक का काम करेगा।
बिहार में जेडीयू-आरजेडी के गठबंधन से भी निपटना होगा
दूसरी तरफ बिहार में जनता दल (यू) और भाजपा की नीतीश कुमार की सरकार के टूटने तथा नीतीश कुमार के फिर से राष्ट्रीय जनता दल का साथ पकड़ने से बिहार भी पार्टी के सामने एक चुनौती बनी हुई है।
गुजरात में भाजपा की शानदार जीत के उत्साह के साथ अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ने का ईनाम मिला तो है लेकिन गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में सरकार खोने का दर्द भी है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के पंजाब तक पहुंचना भी भाजपा के लिए संकट के रूप में है।
हालांकि अमित शाह ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा, “जेपी नड्डा के नेतृत्व में, बिहार में हमारा स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा था। एनडीए ने महाराष्ट्र में बहुमत हासिल किया, उत्तर प्रदेश में जीत हासिल की और पश्चिम बंगाल में हमारी संख्या बढ़ी। हमने गुजरात में भी प्रचंड जीत दर्ज की।” उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि मोदी जी के नेतृत्व में और नड्डा जी के साथ हम 2024 के चुनावों में 2019 से अधिक सीटें जीतेंगे।” अब देखना है कि अगले डेढ़ साल तक जेपी नड्डा इन चुनौतियों से कैसे पार पाते हैं और भाजपा की नैया पार लगा पाते हैं।